नई दिल्ली देश का सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार, अशोक चक्र लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी, 9 पैरा (विशेष बल) / राष्ट्रीय राइफल्स की 6ठीं बटालियन, को अदम्य वीरता दर्शाने के लिए मरणोपरांत प्रदान किया गया।
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत में सबसे पहले लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी की पत्नी भावना गोस्वामी को अशोक चक्र प्रदान किया गया।
02 और 03 सितम्बर 2015 की दरमियानी रात को लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हफरूदा जंगल में घात लगाने वाले दस्ते में शामिल थे। 2015 बजे चार आतंकवादियों के साथ उनकी भीषण मुठभेड़ हुई। जिसमें उनके 2 साथी घालय होकर गिर पड़े। लांस नायक मोहन अपने दोस्त के साथ अपने सहयोगियों को बचाने के लिए आगे बढ़े। जबकि उन्हें अच्छी तरह ज्ञात था कि आगे बढ़ने में उनके जीवन को जोखिम है। लांस नायक मोहन ने पहले एक आतंकवादी को मार गिराने में मदद की। उसके बाद अपने तीन घायल साथियों की जिंदगी पर आसन्न खतरे को भांपते हुए लांस नायक मोहन अपनी निजी सुरक्षा की परवाह न करते हुए बचे आतंकवादियों पर टूट पड़े, जो भयंकर फायरिंग कर रहे थे। आतंकवादियों की गोली उनकी जांघ में लगी लेकिन उसकी परवाह न करते हुए उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया और दूसरे को घायल कर दिया। अचानक उनके पेट में एक गोली लगी। उसके बाद भी अपने घावों से बेपरवाह मोहन नाथ ने बचे अंतिम आतंकवादी को दबोच लिया और अपने गंभीर घावों के कारण मौत के आगोश में जाने से पूर्व उस आतंकवादी को भी मार गिराया। लांस नायक मोहन नाथ ने न केवल दो आतंकवादियों को मार गिराया, बल्कि अन्य दो को निष्क्रिय करने में भी सहायता प्रदान की और अपने तीन घायल साथियों की जान बचाई।
इस प्रकार, लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी ने व्यक्तिगत रूप से दो आतंकवादियों को मार गिराने और अपने घायल साथियों का बचाव करने में सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं के अनुरूप अपना सर्वोच्च बलिदान देने में सबसे विशिष्ट वीरता का प्रदर्शन किया।
इससे पहले हंदवाड़ा को खुरमुर में 23 अगस्त 2015 को एक ऑपरेशन के दौरान लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी ने लश्कर-ए-तैय्यबा के तीन आतंकियों को ढेर किया था। इसके तुरंत बाद कश्मीर के रफियाबाद में 2 दिनों तक चले ऑपरेशन का हिस्सा रहे जिसमें 3 आतंकियों को मार गिराया और एक ज़िंदा आतंकी सज्जाद अहमद उर्फ अबु उबेद उल्लाह को धर दबोचा। उनका अंतिम ऑपरेश 3 सितंबर को रहा जिसमें उन्होंने दो आतंकियों को मारा और एक आतंकी को पकड़ा।
राष्ट्रपति ने 67 वें गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के कर्मियों और अन्य लोगों के लिए 365 वीरता और अन्य रक्षा अलंकरण देने की मंजूरी दी। इन पुरस्कारों में एक अशोक चक्र, चार कीर्ति चक्र, 11 शौर्य चक्र, सेना मेडल के लिए एक बार (वीरता), 48 सेना पदक (वीरता), 04 नव सेना पदक (वीरता), 02 वायु सेना पदक (वीरता), 29 परम विशिष्ट सेवा पदक, 05 उत्तम युद्ध सेवा पदक, 04 बार अतिविशिष्ट सेवा पदक, 49 अति विशिष्ट सेवा पदक, 20 युद्ध सेवा पदक, सेना पदक के तीन बार (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 37 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), आठ नव सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 16 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 05 बार विशिष्ट सेवा पदक और 118 विशिष्ट सेवा शामिल हैं।