सोमवार को राज्यसभा में हंगामा होने के पूरे आसार हैं लेकिन बीजेपी भी कह चुकी है और कांग्रेस भी कह चुकी है कि वो लोकपाल बिल को पास कराएं...
सोमवार को राज्यसभा में हंगामा होने के पूरे आसार हैं लेकिन बीजेपी भी
कह चुकी है और कांग्रेस भी कह चुकी है कि वो लोकपाल बिल को पास कराएंगे। अब अन्ना
ने भी कहा है कि हो हल्ला होता है तो होने दो लेकिन लोकपाल बिल को पास करो।
आम आदमी पार्टी जिस बिल को जोकपाल बिल बता रही है अन्ना उस बिल को
लेकर सरकार को आभार प्रकट कर रहे हैं। उनके मुताबिक ये देश की भलाई का बिल है और
इसका पास होना ज़रूरी है।
सरकार को मैंने बताया कि आपने जो बिल राज्य सभा में रखा है उसके लिए मैं आभारी हूं। इसी बिल को पास किया जाना ज़रूरी है। - अन्ना हज़ारे, समाजसेवी
सरकार ने ये सेलेक्ट कमेटी से संसोधित होकर आए लोकपाल बिल को शुक्रवार
को राज्यसबा में पेश किया था और शनिवार को राहुल गांधी ने इस बिल की जमकर तारीफ़
की थी। शुक्रवार को ही बीजेपी भी बिल के समर्थन में आ गई जबकि आम आदमी पार्टी की
तरफ़ से बिल का विरोध लगातार जारी है। आम आदमी पार्टी के मुताबिक ये वही बिल है जो
सरकार पहले भी अन्ना के आंदोलन के दौरान दिखा चुकी है और जिस पर अन्ना और इंडिया
अगेंस्ट करप्शन की सहमति सरकार के साथ नहीं बन पाई थी।
अरविंद केजरीवाल ने आज भी वही बातें दोहराई और कहा कि ये जो ज़रूरी
चीज़ें थीं वही इस बिल में नहीं हैं।
मुख्य बात ये है कि क्या ये सीबीआई को स्वतंत्र कर रहा है अगर वो ऐसा नहीं कर रहे तो बाकी चीज़े गौण हो जाती हैं। - अरविंद केजरीवाल, संयोजक, आम आदमी पार्टी
अरविंद का दावा है कि अगर उनके बताये जनलोकपाल बिल को पास किया गया तो
कैबिनेट के मंत्रियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री भी जेल में होंगे।
पार्टियां इस बिल पर इसी लिए राज़ी हैं क्योंकि वो जानती हैं कि इससे उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। अगर सीबीआई को स्वतंत्र किया गया तो 2G मामले में प्रधानमंत्री को जेल जाना होगा। - अरविंद केजरीवाल
लेकिन अन्ना का कहना है कि इस बिल में जो प्रावधान हैं उससे सीबीआई
स्वतंत्र होती दिख रही है।
वैसे अभी अरविंद केजरीवाल एंड टीम सीबीआई की स्वतंत्रता को ज़्यादा
तवज्जो दे रहे हैं जबकि रामलीला मैदान में आंदोलन के दौरान सरकार के सामने तीन
मांगे रखी गई थीं। वो तीन मांगे ये थीं-
सिटीज़न चार्टर लाना
वन, टू और थ्री ग्रेड के अफसरों को लोकपाल के दायरे में लाना
राज्यों में लोकायुक्त बनाना
इनमें से पहली मांग इस लोकपाल से पूरी नहीं होती लेकिन सरकार ने
सिटीज़न चार्टर के लिए अलग से बिल लाने को राज़ी है। दूसरी मांग पर लोकपाल बिल
थोड़ा कमज़ोर है जिसमें ये कहा गया है कि किसी सरकारी अफसर पर कार्रवाई करने से
पहले सरकार से पूछना होगा। तीसरी मांग को मान लिया गया है। तो एक तरह से आधी मांगे
मानी गई हैं और बाकी को बाद के लिए छोड़ दिया गया है। अन्ना बाद के लिए राज़ी हैं
जबकि आम आदमी पार्टी नहीं।
अन्ना हज़ारे की नज़र में तीन में से दो मांगे
मान ली गई हैं और सिटीज़न चार्टर के लिए अलग से क़ानून लाने के सरकार के प्रस्ताव
पर वो सहमति जताते हैं जबकि आम आदमी पार्टी के नेता और वकील शांति भूषण के मुताबिक
ये बिल नेताओं और अफ़सरों के भ्रष्टाचार को रोकेगा नहीं बल्कि ये बिल उन्हें बचाने
के लिए है, मुकदमे चलाने के लिए नहीं।