arvind kejriwal can proof majority today
नई दिल्ली। गत 28 दिसंबर को दिल्ली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद से ही बहुमत के पशोपेश में पड़ी केजरी सरकार आज विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। कांग्रेस नेता शकील अहमद के अनुसार "हम सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं। इसलिए हमारे सभी विधायक सरकार के पक्ष में समर्थन करेंगे।" लेकिन देखना ये होगा कि अब तक अटकलों का बाज़ार गर्म है कि हो सकता है विधानसभा में कोई नया खेल भी हो सकता है. इसलिए ऐसा लग रहा है कि बहुमत सिद्ध होने के पहले तक 20-20 मैच जैसा माहौल विधानसभा बना रहेगा। ये सारी अटकलें उस वक़्त सही लगने लगीं जब केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में कहा कि उनके पास वक्त कम बचा है, लिहाजा उनकी सरकार जनता से जुड़े तमाम मुद्दों पर जल्दी से जल्दी फैसला कर लेना चाहती है।
अगर सदन के गणित की बात करें तो अकाली दल के साथ भाजपा के 32 विधायक हैं। इधर 'आप' के 28 विधायक हैं और कांग्रेस के 8 विधायक सरकार को समर्थन कर रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड के शोएब इकबाल ने भी 'आप' को समर्थन दिया है। इस प्रकार सदन में सरकार के पक्ष में 37 विधायक हैं, जबकि बहुमत के लिए 36 विधायकों का समर्थन चाहिए। कांग्रेस के एक विधायक मतीन अहमद को प्रोटेम स्पीकर बना दिया गया है। इसके बावजूद सरकार के पक्ष में 36 मत पड़ने चाहिए। यदि ऐसा ही होता है तो सरकार को कोई खतरा नहीं है। लेकिन कांग्रेस के जयकिशन और आप के दिनेश मोहनिया बुधवार को शपथ लेने सदन में नहीं पहुंचे। जाहिर तौर पर यदि वे बृहस्पतिवार को भी सदन में नहीं पहुंचे तो सत्ता पक्ष की संख्या घटकर 34 रह जाएगी।
उधर यदि निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन भाजपा के पाले में वोट करते हैं तो विपक्ष के वोट 33 तक पहुंच जाएंगे। ऐसे में यदि सत्ता पक्ष के दो और विधायक सदन की बैठक से अनुपस्थित हो जाते हैं तो सरकार सदन में हार सकती है। कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी डॉ. शकील अहमद ने बुधवार को यह बयान दिया कि कांग्रेस तो आप की सरकार को समर्थन देने को तैयार है, लेकिन सत्ताधारी दल को अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए। वर्तमान सियासी माहौल में उनके इस बयान के गंभीर राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार कम वक्त होने की बात कहने से भी अनिश्चितता का माहौल बन रहा है।