नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री लगातार अपने बयानों से अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं। उन्होंने 2 दिनों में तीन बार झूठ बोला है। ताज़ा ...

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री लगातार अपने बयानों से अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं। उन्होंने 2 दिनों में तीन बार झूठ बोला है। ताज़ा झूठ उन्होंने डेनमार्क की महिला के हुए रेप के मामले में दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर शहर में नहीं हैं। जबकि पुलिस कमिश्नर शहर में ही थे।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम पुलिस कमिश्नर को तलब करनेवाले हैं, लेकिन ये पहला स्टेज है और वो आज छुट्टी पर हैं जालंधर गये हुए हैं। जबकि दिल्ली पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी अपने दफ़्तर में थे और जब मीडिया ने बस्सी साहब से पूछा कि क्या उनको जानकारी है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने उनके बारे में कहा कि वो छुट्टी पर हैं तो उन्होंने कहा कि, "आज मैं दिनभर काम में इतना मशगूल था कि टीवी नहीं देख पाया। मुझे फर्स्ट हैंड जानकारी नहीं है कि क्या बयान दिया गया है।"
इतना ही नहीं पुलिस कमिश्नर बस्सी ने आज उप राज्यपाल नजीब जंग से भी मुलाक़ात की। ऐसे में उनके छुट्टी पर जाने का सवाल ही नहीं उठता।
वहीं अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों के बचाव में उतरे थे तो दिल्ली पुलिस पर बरस रहे थे और उनसे रेप जैसे संवेदनशील मामले पर सवाल किया गया कि जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं तो केजरीवाल निर्भया मामले पर शीला जी से जवाब मांग रहे थे तो आज क्यों नहीं पुलिस कमिश्नर को बुला कर पूछ रहे हैं तो इस केजरीवाल ने कहा कि वो छुट्टी पर हैं जालंधर गये हुए हैं।
ज़ाहिर है दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार तक में दूरियां बहुत ज़्यादा बढ़ गई हैं, यहां तक कि दोनों के बीच संवाद भी नहीं हो रहा। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि देश की राजधानी जहां सरकार और पुलिस में ही संवाद नहीं है, वहां ख़तरा कितना ज़्यादा है।
इससे पहले विनोद कुमार बिन्नी के मामले में अरविंद केजरीवाल ने दो झूठ बोले थे। पहला ये कि उन्होंने 24 दिसंबर के अपने ही बयान से उल्टा बयान दिया कि बिन्नी उनसे मंत्री पद मांगने आए थे, दूसरा ये कि विधायकों को लोकसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा जबकि पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ऐसा कोई फ़ैसला हुआ ही नहीं है।