नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्ठी लिखकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ दिल्...
नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्ठी लिखकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ दिल्ली में अनियमित कॉलोनियों को फर्ज़ी प्रॉविज़नल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने बताया कि शीला दीक्षित ने फ़र्ज़ी काम किया है और उनके और कांग्रेस के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए।
सिसोदिया ने कहा कि, "पिछली सरकार ने कॉलोनियों में फर्ज़ी काम किये। उन्होंने दिल्ली में अनियमित कॉलोनियों को फ़र्ज़ी प्राविज़नल सर्टिफिकेट जारी किये और लोकायुक्त ने इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया।"
उन्होंने कहा कि, "चुनाव से पहले ऐसे काम कर के राजनीतिक माइलेज़ नहीं लेना चाहिए। हमें राष्ट्रपति से ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए कहा है। अब सब कुछ उन पर निर्भर है। हमने अपनी राय राष्ट्रपति के सामने रख दी है कि दोषी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।"
पिछले साल नवंबर में एक आदेश में तब के लोकायुक्त जस्टिस मनमोहन सरीन ने राष्ट्रपति को राय दी थी कि वो शीला दीक्षित को एक एडवाइज़री जारी कर उनसे जवाबदेही लेने को कहा था कि उन्होंने साल 2008 के चुनावों से ठीक पहले 1200 अनियमित कॉलोनियों को प्राविज़नल सर्टिफिकेट जारी कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की थी।
दिल्ली सरकार ने उसी मसले पर तब अपनी राय दी है जब राष्ट्रपति दफ़्तर से मामले पर दिल्ली सरकार की टिप्पणी मांगी गई।
दिल्ली बीजेपी के नेता हर्षवर्धन की शिकायत पर जस्टिस सरीन ने वो आदेश पारित किया था। हर्ष ने आरोप लगाया था कि दीक्षित ने कॉलोनियों को प्राविज़नल सर्टिफिकेट जारी कर वोटरों को लुभाने की कोशिश की थी।
डीविज़नल कमिश्नर विजय देव की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी ने साल 2012 में पाया कि प्रॉविज़नल रेगुलराइजेशन सर्टिफिकेट्स जारी करने में भारी अनियमितताएं थी और उन्होंने इस मामले में उन लोगों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले चलाने की बात कही थी जिन्हों गड़बड़ियां कीं।
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