देहरादून। विजय बहुगुणा के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़े के बाद शनिवार को कांग्रेस नेता हरीश रावत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के र...
देहरादून। विजय बहुगुणा के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़े के बाद शनिवार को कांग्रेस नेता हरीश रावत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। दोपहर में कांग्रेस ने विजय बहुगुणा की जगह रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने का एलान किया और शाम होते-होते उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली।
हरीश रावत केंद्र में मंत्री थे और 2012 में जब उत्तराखंड में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी तो वो सीएम की दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह विजय बहुगुणा को सीएम बनाने का फ़ैसला लिया था और हरीश रावत को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी गई थी।
ये दिलचस्प है कि 2012 में जब विधायक दल ने नेता चुना था और जब शनिवार को चुना है तो दोनों ही बार वो विधायक न होकर सांसद ही रहा है। विशेष बात ये है कि जब कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी हरीश रावत के नाम का ऐलान करने आते हैं तो कहते हैं कि सोनिया गांधी ने हरीश रावत को चुना।
जनार्दन द्विवेदी ने बताया कि शनिवार को विधायक दल की बैठक में पूर्वी सीएम विजय बहुगुणा ने प्रस्ताव पेश किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विधायक दल का नेता चुनें। द्विवेदी ने आगे बताया कि सोनिया गांधी से संपर्क करने में थोड़ा विलम्ब हुआ क्योंकि वो कर्नाटक दौरे पर थीं लेकिन जैसे ही उनसे संपर्क हुआ उन्होंने विधायक दल के नेता के तौर पर हरीश रावत के नाम पर सहमति दे दी।
रावत ने सूबे के 8वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। साल 2000 में बने इस राज्य में सियासी अस्थिरता को ऐसे ही समझा जा सकता है कि 13 साल में यहां 8 मुख्यमंत्री चुने जा चुके हैं।