Smriti Irani is in trouble
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लेकिन मामला अब सिर्फ शैक्षणिक योग्यता का ना रह कर झूठे हलफनामे का हो गया है। दरअसल जब लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान स्मृति द्वारा दिए गए शपथ पत्रों पर नज़र डाली गई तो पता चला कि एक में जहां स्मृति खुद को बीकॉम बता रही हैं तो दूसरे में उन्होंने खुद को बीए बताया है।
2004 के लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ मैदान में उतरी थीं। तब उन्होंने नामांकन पत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता बीए बताई थी और उनके मुताबिक ये डिग्री उन्होंने 1996 में पूरी की थी। जबकि 2014 के लोकसभा चुनावों में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरने समय शपथ पत्र में स्मृति ने अपनी एजुकेशन बी कॉम फर्स्ट ईयर बताई। इसका साल 1994 बताया गया और ये पत्राचार द्वारा करने की बात कही। गौरतलब हो कि स्मृति के दोनों हलफनामे सही नहीं हो सकते और ऐसे में ये उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
वैसे स्मृति के लिए राहत की बात ये है कि विरोधी खेमे के भी कई नेता अब उनके समर्थन में उतर आए हैं।
लेकिन अब सवाल सिर्फ उनके शैक्षणिक योग्यता का ना रह कर गलत हलफनामे का हो गया है। इसमें अब देखना होगा की भाजपा का क्या रूख होता है और वो दायर इस गलत हलफ नामे पर क्या जवाब देती है।
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