fatmi-leaves-rjd

दरभंगा/पटना। ऐसा लग रहा है जैसे राजद में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। लोकसभा चुनाव ठीक पहले कुछ विधायक पाला बदल कर जद यू के खेमे में चले गए और अब राजद के संस्थापक सदस्य व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुहम्मद अली अशरफ फातमी ने पार्टी से अपना 26 साल पुराना नाता तोड़ लिया। फातमी राजद के संस्थापक सदस्यों में एक थे. लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो सांसद प्रेमचंद गुप्ता के जेब में हैं। वह गुप्ता की सलाह पर आंख मूंदकर विश्वास करते हैं।

हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव से पूर्व भी उन्होंने लोजपा और कांग्रेस से गठबंधन करने का आग्रह किया था। मगर राजद सुप्रीमो ने उनकी सलाह ठुकरा कर गुप्ता की मानी। इसका नतीजा सबके सामने है। फातमी ने कहा कि जिस तरह अमर सिंह की सलाह पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में गुमराह हुए थे, वही हाल लालू प्रसाद का है।
लालू की पकड़ विधायकों और पूर्व विधायकों पर भी नहीं रही। सबने चुनाव में भितरघात किया। इसके बाद भी लालू प्रसाद कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा रहे हैं। लिहाजा पार्टी में अब बने रहने का औचित्य नहीं है। उन्होंने किसी दूसरे दल में जाने से इन्कार करते हुए कहा कि वह चुप नहीं बैठेंगे। समर्थकों से मिलने के बाद कोई फैसला करेंगे। वैसे आशंका ये जताई जा रही है कि फातमी जद यू में शामिल हो सकते हैं। लेकिन अब फैसला लालू प्रसाद हाथ में है कि कैसे पार्टी की टूट को रोका जाए और तरज़ीह किसे दी जाए।