विशेष । स्टार्टअप कल्चर में अक्सर ये देखा गया है कि यहां वो लोग सबसे ज़्यादा होते हैं जो कुछ करना चाहते हैं, करने की कोशिश करते हैं ले...
विशेष । स्टार्टअप कल्चर में अक्सर ये देखा गया है कि यहां वो लोग सबसे ज़्यादा होते हैं जो कुछ करना चाहते हैं, करने की कोशिश करते हैं लेकिन अपने सपने को वो ज़मीनी हक़ीकत दे पाने में कामयाब नहीं हो पाते। ऐसा क्यों होता है? ज़्यादातर मामलों में ये तथ्य सामने आता है कि लोगों को पता ही नहीं होता कि वो अपने कारोबार या कहें अपनी सोच या अपने आइडिया को प्वाइंट ए से प्वाइंट बी तक कैसे पहुंचाएं। प्वाइंट ए वो बिंदु है जहां आपके दिमाग में कोई आइडिया जन्म लेता है और प्वाइंट बी वो बिंदु है जहां तक आप अपने आइडिया को ले जाने की सोचते हैं, और उसके उद्देश्य को पूरा कर पाते हैं।
इसी के बीच में हैं मुश्किलें।
रणनीति के तौर पर कहा जाए तो आपको अपने उसे आइडिया को जल्दी से जल्दी बाज़ार में लाना चाहिए और उसे कारोबार की शक्ल देनी चाहिए। क्योंकि जितनी देर करेंगे उतना नुकसान। तेज़ी दिखाएंगे तो कुछ कमाएंगे। यहां पर हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप अपने स्टार्ट अप को तेज़ी से शुरू कर सकते हैं
1. बस शुरू करिए
अनुभव कहता है कि शुरू करने से ज़्यादा अहम है सही शुरुआत करना। इसके बारे में सोचिए। अगर आप अपना कारोबार शुरू नहीं करते हैं, तो कुछ नहीं होने वाला। जो भी कोई चीज़ है जो आपको शरुआत करने के लिए रोकती है या बाधक बनती है उसका समाधान ढूंढिये, या फिर उसे पीछे छोड़िए
- कोड की पहली लाइन लिजिए
- अपना डोमेन रजिस्टर करें
- अपने उत्पाद का रफ तैयार करिए
- उत्पाद का प्रोटोटाइप बनाइए
आप के और आपके स्टार्टअप की शुरुआत के बीच में कोई नहीं खड़ा है, आप खड़े हैं। सबसे पहले वो चीज़ करिए, जिसे करने की सबसे ज़्यादा ज़रुरत है।
2. कुछ भी बेचिए
कुछ उद्यमियों को पता है कि उन्हें एक्ज़ैक्टली क्या बेचना है। और दूसरे उद्यमी हैं जिन्हें पता नहीं है कि वो क्या बेचने जा रहे हैं। वो सिर्फ कुछ बेचना चाहते हैं। हम कहते हैं : कुछ भी बेचो।
दुनिया के बड़े से बड़े उद्यमी ऐसे हैं जो कुछ भी नया नहीं बेच रहे हैं। वो बस इसे अलग तरीके से या कहें बेहतर तरीके से बेच रहे हैं।
· सैम वालटन (Wal-Mart) वही बेच रहे हैं जो हर गली में बिकती हैं
· टेड टर्नर टीवी ब्रॉडकास्टिंग और एडवरटिज़मेंट बेच रहे हैं
· हॉवर्ड कल्चज़ कॉफी बेच रहे हैं
· वॉरेन बफेट ने लोगों के स्टॉक खरीदे और बेचे
उद्यमी हमेशा एक खोजकर्ता नहीं होता। आप किसी और का उत्पाद लेकर उसे बेच सकते हैं।रिचर्ड ब्रेनसन की कहानी लिजिए, उन्होंने अभाव में वर्जिन एयरलाइन्स (Virgin Airlines) की शुरुआत की। उन्हें एक रोमैंटिक डेट पर वर्जिन द्वीप (Virgin Islands) जाना था लेकिन उनकी प्लाइट कैंसिल हो गई इसलिए उन्होंने एक प्राइवेट फ्लाइट ली, वो जेब में उसके लिए पैसे ना रहते हुए। कैसे, उन्ही की ज़ुबानी:-
“ मैंने एक छोटा सा ब्लैकबोर्ड लिया, लिखा “Virgin Airlines. $29” और उन लोगों के बीच में गया जिनकी फ्लाइट मेरी ही तरह कैंसिल हो चुकी थी, उन्हें प्राइवेट प्लेन की बाकी सीटें बेचीं और उनके पैसों से ही मैंने चार्टर्ड प्लेन का किराया भरा और उस रात हम लोग वर्जिन आइलैंड गये।”
संदेश साफ है। आगे बढ़ों और कुछ बेचो, कुछ भी।
3. किसी से सलाह लें, फिर उससे कहें कि इसे करो।
जब आप एक कारोबार शुरु करते हैं तो ये तय है कि आपके पास सारे जवाब नहीं होते। जैसे कि आपको अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना है, लेकिन कैसे? कौन कराएगा, कैसे होगा?
इन सवालों के जवाब के लिए एक अच्छी वकील से बात करें। वकील आपको सलाह देगा – कारोबार के लिए किस तरह का रजिस्ट्रेशन चाहिए या लाइसेंस चाहिए? लेकिन इसके बाद क्या? वकील से कहिए, वो आपके लिए ये करे। तुरंत ही आपको पता लगेगा कि आपको एक विशेषज्ञ मिल गया है जो आपके पैसों के लिए अपने सलाह को लागू कर रहा है। सवाल है उसे पैसे कैसे देंगे? आप वकील को अपने साथ 4-5% का साझेदार बना सकते हैं या फिर अपने कैपिटल से पैसे दें।
अगर आपके सामने कोई भी मुद्दा आता है और आपके पास उसका जवाब नहीं होता है तो उससे संपर्त करें जिसके पास ये जवाब हो सकते हैं। उसके बाद वो विशेषज्ञ जो राय देता है – चाहे वो कारोबार चलाने को लेकर हो, जगह के चुनाव को लेकर हो, लोगो डिज़ाइन, अकाउंटिंग, वेबसाइट, कंटेट, कुछ भी – उसी व्यक्ति से कहें कि चलो इसे करो।
आपके कारोबार को आपके पास जितना समय है उससे कहीं ज़्यादा मदद, जानकारी और व्यवसायिक स्किल्स की आवश्यकता है। लोगों को आपके लिए काम करने दीजिए।
4. दूर के कर्मचारियों को रखिए.
अगर आप सबसे अच्छे और सबसे किफायती टैलेंट को चाहते हैं तो आपको हो सकता है कि वो पड़ोस में ना मिले। दूर के कर्मचारियों को भी रखने के लिए मन बनाइए ताकि आपका काम बेहतर हो सके।
5. कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखें
एक उद्यमी बनने के साथ आप नौकरी देने वाले बन जाते हैं और ये बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। ये ऐसी चीज़ है जो वाकई में आपके स्टार्टअप के लिए बड़ी बाधक बन सकती है। बहुत कम लोग होंगे जो एक नई शुरुआत के साथ ख़ुद को जोड़ सकें।
ऐसे में कर्मचारियों को पे रोल पर रखने की जगह पर, कांट्रैक्ट पर रखिए। आपको सिर्फ टैलेंट चाहिए ताकि आप उनकी सेवाएं ले सकें, इससे ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता कि वो कांट्रैक्ट पर हैं या रोल पर। आपके काम कोई ऐसी चीज़ ना आने दें जो बाधक बने।
6. एक सहसंस्थापक की तलाश करें
सिर्फ कड़ी मेहनत और जोश से काम नहीं चल सकता, इसके साथ आपको हर समय प्रोत्साहन की ज़रुरत है और सहसंस्थापक होंगे तो एक दूसरे को प्रोत्साहित करेंगे। एक से ज़्यादा दो और दो ज़्यादा तीन, इससे ज़्यादा संस्थापकों में सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा और निर्णय भी जल्दी नहीं लिये जा सकेंगे। सहसंस्थापक आपको अपनी स्किल्स भी देगा और समय भी, साथ में वो अपने पैसे भी लगा सकता है।
7. ऐसे लोगों के साथ काम करें, जो आपको और बड़ा करने के लिए प्रोत्साहित करें
तमाम वजहों में से एक जिसने स्टीव जॉब्स को एपल को दुनिया के सबसे आधुनिक और भरोसेमंद ब्रांड में तब्दील करने में मदद की। वो इसे इस तरह से कहते हैं-
“मेरा काम लोगों के साथ आसान नहीं था। मेरा काम था, उन्हें बेहतर बनाना। मेरा काम था कि मैं कंपनी के अलग-अलग हिस्सों से चीज़ों को एक साथ ले आऊं और रास्तों को साफ रखूं और ज़रूरी प्रोजेक्ट्स के लिए रिसोर्सेज़ मुहैया कराऊं। और इन लोगों को यहां तक लाने के लिए हमें उन्हें प्रोत्साहित करते रहना था और उन्हें और बेहतर बनाना था, जो बताते थे कि और भी आक्रामक दृष्टिकोण और आइडिया के साथ जिससे ये संभव हो सकता था।”
आपको इनमें से कुछ गुण तो अपने सहसंस्थापक में मिल जाएंगे, या अपने पार्टनर में, या अपने दोस्तों में या किसी गुरू में या अपने कर्मचारी में। सबसे ज़रूरी है कि जो आपकी सोच है, जो आपके सपने हैं, उसे अपने दल के सदस्यों में भरना होगा। ताकी वो इसे जीएं और बेहतर परिणाम दें।
8. पैसों को तवज्जो ना दें
Creative Bloq has this gem of advice regarding startupsक्रिएटिव ब्लॉग इसका बेहतर उदाहरण है “ये मत सोचो कि कमाई कहां से होगी। एक अच्छा उत्पाद या सेवा हमेशा पैसे कमाने के रास्ते तलाश लेती है”
ये सच है। पैसों पर ज़्यादा ध्यान देने से आपके कारोबार की ट्रेन पटरी से उतर सकती है। चाहे ये फंडिंग हो, कैपिटल हो, बिज़नेस लोन हो या कुछ और सब छोड़ दीजिए और बस चीज़ों को होने दीजिए। विकास का मतलब फंडिंग नहीं है, अपने कारोबार में विकास का मतलब है चीज़ों को करते रहना, बेचना और पैसे मांगने की जगह काम करना।
9. मार्केटिंग पर पैसे और समय खर्च करें
अपने कारोबार के लिए मार्केटिंग पर सबसे ज़्यादा फोकस करें। जब आप अपने उत्पाद की मार्केटिंग करते हैं तो आप इसे लोगों को सामने ले जाते हैं जिन्हें वास्तव में इसे खरीदना है। मार्केटिंग कभी बर्बाद नहीं जाती, शुरुआती निवेश प्रक्रिया में ये सबसे अहम कदम है।
10. अपने संभावित ग्राहकों से बात करें
एक स्टार्टअप सिर्फ एक व्यक्ति के दिमाग में नहीं आता। स्टार्ट ग्राहकों के दिमाग में पहले से होता है या फिर संभाविक ग्राहकों के कि अगर ऐसा होता तो कैसा होता।
अगर आपके उत्पाद को खरीदने या इस्तेमाल करने वाले हैं तो आपको इनके बारे में जानना है, इन्हीं से जानना है और इन्हीं के लिए जानना है। आपके कारोबार की सफलता या असफलता इन्हीं लोगों पर निर्भर करती है कि ये आपके उत्पाद को किस तरह से लेते हैं।
जितनी जल्दी आप अपने ग्राहकों के बारे में जानेंगे, उतनी जल्दी आप उन्हें बेहतर सेवा दे पाएंगे।
Conclusion
स्टार्टअप एक रेस है, आप जितनी जल्दी और जितने तेज़ होंगे, आप उतने बड़े विजेता होंगे।