कुंदन मिश्र। लखनऊ। बीएसएफ सीमा पर लगातार हो रहे हमलों और घुसपैठ को देखते हुए बॉर्डर के सुरक्षा चक्र मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है। देश...
कुंदन मिश्र। लखनऊ। बीएसएफ सीमा पर लगातार हो रहे हमलों और घुसपैठ को देखते हुए बॉर्डर के सुरक्षा चक्र मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है। देश की सीमा की पल-पल की मॉनीटरिंग के साथ ही दुश्मन देशों पर भी कड़ी निगाह रखी जाएगी। अपने सीमा की निगरानी में आईआईटी कानपुर बीएसएफ की मदद करेगा। आईआईटी का लेले (लॉ एप्टीट्यूड लॉग इन्ड्योरेन्स आटोनोमस ) यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) दुश्मनों और सीमा की हर हलचल की खबर बीएसएफ को देगा। आईआईटी के लेले यूएवी बीएसएफ के चीफ सिग्नल ऑफीसर ने उपयुक्त करार दिया है। इसका फील्ड ट्रायल खुद बीएसएफ सीमा की सुरक्षा में करेगी। टेस्टिंग में लेले सफल रहा तो सीमाओं पर लगाए जाने वाले यूएवी में लेले को भी शामिल कर लिया जाएगा।
बताई अपनी जरूरत और आईआईटी की तकनीक समझी
बीएसएफ के चीफ सिग्नल आफिसर साउथ (वेस्ट कमांड जयपुर) मेजर जनरल संदीप शर्मा और रैपिड सिग्नल रेजीमेंट इलाहाबाद के (कमांडिंग आफीसर) मनु जोशी आईआईटी की एयर स्ट्रिप पहुंचे। यहां करीब एक घंटे तक आईआईटी के प्रोफेसरों के साथ रक्षा उपकरणों के रिसर्च पर चर्चा की,अपनी जरूरत बताई और आईआईटी के मौजूदा रिसर्च को देखा। उन्होंने आईआईटी लेले और हैन्ड लांच यूएवी के बारे में जानकारी हासिल की तथा एयर स्ट्रिप पर उसकी टेस्टिंग भी की। डिजाइन को परफेक्ट बताया है। यूएवी का बीएसएफ फील्ड टेस्ट भी कराएगी। सैन्य अधिकारियों ने अमेरिका समेत कई देशों के हेलीकॉप्टरों की डिजाइन और तकनीक को भी समझा |
जयपुर में होगा फील्ड ट्रायल
आईआईटी के एयरोस्पेस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर तथा यूएवी प्रोजेक्ट कोआर्डीनेटर दीपू फिलिप ने उनको लैब में यूएवी का प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि बीएसएफ अफसरों को आईआईटी का यूएवी पसंद आया है। बारिश के चलते फील्ड ट्रायल नहीं हो सका। अब बीएसएफ के समय के मुताबिक आईआईटी की टीम सीमा पर लेले यूएवी का फील्ड ट्रायल देगी। तब इसका विस्तृत परीक्षण होगा। प्रो. दीपू ने बताया कि जयपुर में लेले यूएवी का सफल परीक्षण नवंबर 2015 में किया जा चुका है। मेजर जनरल संदीप ने बताया कि आईआईटी का यूएवी काफी प्रभावी है। इससे अधिक से अधिक जानकारी बिना किसी मैनपॉवर के जुटाई जा सकती है। लेले यूएवी के बारे में डिटेल रिपोर्ट हॉयर अथारिटी और सरकार को भेजी जाएगी। ज्यादा संख्या में खरीद पर इसकी कीमत कम हो जाएगी।
अपने देश में बनी यूएवी ज्यादा मुफीद
अपने देश में निर्मित यूएवी के बारे में हमें पता होता है कि इनमें किन-किन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। हमारे लिए यूएवी के उपकरण कितना मुफीद होंगे। विदेशी सुरक्षा उपकरणों के बारे में हमारे जेहन में तमाम सवाल रहते हैं। इस नाते हमारी कोशिश है कि देश में निर्मित उपकरणों का ही बॉर्डर सिक्योरिटी जैसे प्वाइंट पर इस्तेमाल किया जा सके।