भारत सरकार की उदय योजना के अंतर्गत राज्यों विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करना है। संभवत: इस योजना से घंटों की कटौती से यूपी वालों को निजात मिल सकेगी।
नई दिल्ली। भारत सरकार, उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने उत्तर प्रदेश डिस्कॉम्स (दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) की ओर से ‘उदय’ – ‘उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना’ के तहत एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। डिस्कॉम्स का परिचालन और वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए यह एमओयू किया गया है। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल की उपस्थिति में यह हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया।
ऊर्जा क्षेत्र के परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उत्तर प्रदेश भी ‘उदय’ को स्वीकार करने वाले राज्यों की सूची में भी शामिल हो गया है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ‘उदय’ के तहत पहले ही एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। देश में वितरण कंपनियां कर्ज के भारी बोझ से जूझ रही हैं। 30 सितंबर, 2015 तक डिस्कॉम्स का बकाया ऋण 4.3 लाख करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। इन कंपनियों को कर्ज के बोझ से राहत प्रदान करने और उनका समग्र प्रदर्शन सुधारने के लिए भारत सरकार ने सभी हितधारकों, मुख्यत: राज्य सरकारों, डिस्कॉम्स और कर्जदाताओं के साथ विचार-विमर्श की एक लंबी प्रक्रिया के बाद 20 नवंबर, 2015 को ‘उदय’ की शुरूआत की थी। ‘उदय’ का उद्देश्य कर्ज में डूबी वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता के लिए स्थायी समाधान निकालना और उनकी परिचालन क्षमता में सुधार लाना है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘उदय’ के तहत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर और डिस्कॉम्स के कर्ज को वहन करने पर सहमत होकर डिस्कॉम्स की वित्तीय सेहत सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार डिस्कॉम के कर्ज से 39,900 करोड़ रूपए वहन करेगी। यह योजना में परिकल्पित डिस्कॉम्स के 30 सितंबर 2015 तक के कुल कर्ज 53,200 करोड़ रूपए का 75 फीसदी है। योजना में 13,300 करोड़ रूपए के संतुलन कर्ज का प्रावधान भी है। राज्य की गारंटी वाले डिस्कॉम बांड के रूप में मौजूदा ब्याज दरों की तुलना में करीब 3 प्रतिशत कम कूपन दरों पर इसकी कीमत फिर से तय अथवा निर्धारित की जानी है। संतुलन कर्ज में ब्याज दरों में कमी और राज्य द्वारा कर्ज वहन किए जाने के कारण डिस्कॉम्स को ब्याज लागत में लगभग 1600 करोड़ रूपए वार्षिक की बचत होगी।
वित्तीय बदलाव लाने के लिए डिस्कॉम्स की मदद करने के अलावा ‘उदय’ का जोर डिस्कॉम्स की परिचालन क्षमता में सुधार लाने पर होगा। बदलाव की प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश और डिस्कॉम्स अनिवार्य फीडर और ट्रांसफामर्स मीटरों का वितरण, उपभोक्ता इंडेक्स एवं नुकसान की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड/बदलना, मीटर इत्यादि, बड़े ग्राहकों के लिए समार्ट मीटरिंग जैसे कदमों के जरिए परिचालन दक्षता लाने का प्रयास करेंगे। इससे पारेषण (ट्रांसमिशन) और एटीएंडसी के नुकसान को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा बिजली की आपूर्ति और वसूली के बीच के अंतर को समाप्त किया जा सकेगा। इस दौरान एटीएंडसी और पारेषण नुकसान में क्रमश: 15 प्रतिशत और 3.95 प्रतिशत की कमी लाकर 17,700 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा।
वित्तीय और परिचालन दक्षता के माध्यम से वित्तीय बदलाव लाने से डिस्कॉम की रेटिंग में सुधार आयेगा, इससे भविष्य के पूंजी निवेश की आवश्यकता के लिए उसे सस्ता अनुदान जुटाने में मदद मिलेगी। इससे डिस्कॉम को लगभग 200 करोड़ रूपए की ब्याज लागत की बचत होने की उम्मीद है।
एक तरफ जहां राज्य सरकार और डिस्कॉम्स द्वारा डिस्कॉम्स की परिचालन दक्षता में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं और आगे बिजली आपूर्ति की लागत घटाई जाएगी वहीं केंद्र सरकार भी राज्य में बिजली के बुनियादी ढांचे में सुधार और आगे बिजली की लागत को कम करने के लिए डिस्कॉम्स और राज्य सरकार को प्रोत्साहन प्रदान करेगी। डीडीयूजीजेवाई, आईपीडीएस जैसी केंद्रीय योजनाएं, ऊर्जा क्षेत्र विकास निधि अथवा ऊर्जा मंत्रालय की अन्य योजनाएं और एमएनआरई, राज्य में ऊर्जा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पहले से ही धन उपलब्ध करा रही हैं। अगर राज्य/डिस्कॉम्स योजनाओं के तहत निर्धारित परिचालन लक्ष्य को प्राप्त करते हैं तो उन्हें अतिरिक्त/प्राथमिकता के आधार पर भी अनुदान उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा। राज्य को निर्धारित कीमतों पर अतिरिक्त कोयला उपलब्ध कराकर और उच्च क्षमता उपयोग की उपलब्धता की स्थिति में एनटीपीसी से कम कीमत पर बिजली दिलाकर और अन्य सीपीएसयूएस के जरिए भी मदद की जाएगी। अन्य लाभों में कोयले की अदला बदली, कोयले का सुव्यवस्थीकरण, कोलग्रेड की गिरावट में सुधार, धुले कोयले की 100 प्रतिशत उपलब्धता भी राज्य को बिजली की लागत घटाने में मदद करेंगे। इन कोयला सुधारों से राज्य को 5,600 करोड़ रूपए अर्जित होंगे।
‘उदय’ के तहत ध्यान दिए जाने वाले बिंदुओं में से ऊर्जा दक्षता एक है। पीक लोड घटाने और ऊर्जा खपत को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश,राज्य सरकार और डिस्कॉम्स ऊर्जा दक्षता वाले एलईडी बल्बों, कृषि पंपों, पंखों एवं एयर कंडीशनरों, कुशल औद्योगिक उपकरणों को पीएटी (परफार्म, एचीव, ट्रेड) के जरिए बढ़ावा देगी। इससे लगभग 3,500 करोड़ रूपए की बचत होने का अनुमान हैं।
इस एमओयू पर हस्ताक्षर होने का सबसे बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश के लोगों को होगा। डिस्कॉम्स द्वारा बिजली की उच्च मांग का अर्थ उत्पादन इकाइयों में अधिक पीएलएफ से होगा और ऐसा इसलिए बिजली की प्रति यूनिट की कम लागत का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। डिस्कॉम्स एटीएंडसी नुकसान वाले क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में वृद्धि करेगा। इस योजना से उत्तर प्रदेश में अब भी बिजली से महरूम लगभग 490 गांवों और 143.54 लाख घरों को त्वरित बिजली उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। अभी तक बिजली से दूर गांवों/परिवारों को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति से अर्थव्यवस्था को बल और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के अवसरों में सुधार आयेगा और उत्तर प्रदेश अग्रणी औद्योगिक राज्यों में से एक के रूप में विकसित हो सकेगा।
‘उदय’ के माध्यम से बदलाव की अवधि में ब्याज लागत में बचत करने, एटीएंडसी और ट्रांसमिशन नुकसान में कमी लाने, ऊर्जा दक्षता के उपायों को अपनाने और कोयला सुधार आदि से उत्तर प्रदेश को लगभग 33,000 करोड़ रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त होगा।
‘उदय’ न सिर्फ डिस्कॉम्स की वित्तीय और परिचालन सेहत सुधारेगा बल्कि सरकार को लाखों लोगों के जीवन में उजाला और परिवर्तन लाने में सक्षम बनायेगा।