उन्होंने राम मंदिर निर्माण की वकालत की और इस दिशा में अपने प्रयास का जिक्र करते हुए दोहराया कि इसी वर्ष छह दिसम्बर से राम मन्दिर निर्माण शुरू हो जायेगा।
डॉ. गोपाल नंदन। फ़ैज़ाबाद।
संसार में जो भी सुन्दर है वही भगवान् राम हैं। राम सांपरादायिक मिथक नहीं है और न ही धर्म के द्योतक । रा का अर्थ राष्ट्र और म का अर्थ मंगल । यानी राम राष्ट्र मंगल के परिचायक है।
यह उद्गार है , प्रख्यात रामकथा मर्मज्ञ एवम् पदमभूषण से सम्मानित जगद्गुरु के। वह डॉ राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के श्री राम पीठ में आयोजित व्याख्यान में मुख्यअतिथि थे। उन्होंने कहा कि रामायण में सार्वभौमिक समस्याओं का समाधान निहित है, इसलिए रामायण को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किया जाए। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि राम जी शोध से ऊपर हैं। उन पर विपुल साहित्य है, इसमें छायी भ्रांतियों का निराकरण देना ही श्री राम शोध पीठ का कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं खुद लगा हूँ|
श्रीराम शोध पीठ के संचालक प्रो.अजय प्रताप सिंह से उन्होंने कहा कि यह कार्य अहम है और राम चरित्र को अन्तर्निष्ठ करना होगा । उन्होंने राम चरित मानस को रामकथा का आलौकिक संस्करण बताया और कुछ वर्ष पूर्व मानस का सम्पादन करने के चलते उठे विवाद पर स्पष्टीकरण भी दिया। इस दौरान प्रो. हनुमान पाण्डेय, डॉ पी पी सिंह, डॉ हिमांशु, डॉ आर के तिवारी, डॉ शीलवंत सिंह, डॉ विनोद श्रीवास्तव, डॉ राजिव गौड़, नगरपालिका अध्यक्ष विजय गुप्ता आदि उपस्थित रहे।