Shivsena leader Sanjay Raut on Tuesday said that his party will come wielding the sword of Hindutva whenever the country needs it.
मुंबई: हिंदुत्ववादी पार्टी के तौर पर जानी-पहचानी जाने वाली शिवसेना (ShivSena) ने जब से एनडीए का साथ छोड़ कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी, तभी से उसे अपनी विचारधारा से भटकने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, पार्टी ने बार-बार इसका खंडन किया है और साफ किया है कि शिवसेना ने अपनी हिंदुत्ववादी छवि में कोई बदलाव नहीं किया है। मंगलवार को अपनी हिंदुत्व छवि को बरकरार रखते हुए संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि, देश को जब भी जरूरत होगी उनकी पार्टी हिंदुत्व का तलवार भांजते हुए आगे आ जाएगी। राउत ने कहा कि, वह और उनकी पार्टी हमेशा हिंदुत्ववादी थी और रहेगी।
अपने एक बयान में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि, हमें हमारा हिंदुत्व सर्टिफिकेट किसी पार्टी से लेने की जरूरत नहीं है। हम हिंदुत्ववादी थे, हैं और हमेशा रहेंगे। हम उनकी तरह हिंदुत्व राजनीति नहीं करते हैं। जब भी देश को हमारी जरूरत होगी, शिवसेना हमेशा हिंदुत्व का तलवार लहराते हुए आगे आ जाएगी।
गौरतलब हो कि शिवसेना के एनडीए से अलग होने के बाद बीजेपी ने कई बार उसके हिंदुत्व पर सवाल उठाया है, इसी महीने 16 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने की घोषणा के बाद बीजेपी ने इसे हिंदुत्व की जीत बताया था, जिसपर संजय राउत ने कहा था कि, यह किसी की जीत या हार नहीं है। यहां तक की उन्होंने यहा कि, पीएम मोदी के निर्देश पर धार्मिक स्थलों को बंद किया गया था।
राउत ने कहा कि, लॉकडाउन पीएम मोदी की ओर से लगाया गया था और मंदिरों को बंद रखने का फैसला भी उनका ही थी। इसलिए कोई वजह नहीं है कि बीजेपी एस मामले में हिंदुत्व की जीत के लिए क्रेडिट ले। मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों को हार और जीत का मतलब बताना होगा।