Police and administration at Itounja toll plaza in Lucknow prevented the farmers' organizations from reaching.
लखनऊ । नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने देशभर के टोल प्लाजा को एक दिन के लिए कर मुक्त कराने का आवाहन किया था। इसी के मद्देनजर लखनऊ के इटौंजा में भी किसान संगठन टोल प्लाजा को कर मुक्त कराना चाहते थे।
- इटौंजा टोल प्लाजा से पहले रोके गए किसान
- किसान संगठनों से रास्ते
- में ही लिया गया ज्ञापन
- आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए किसान तैयार
- कमलेश यादव ने पुलिस-प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
जिला प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी के कारण इटौंजा टोल प्लाजा तक किसान संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पहुंच नहीं पाए। भिटौली, छठामील, बक्शी का तालाब, अर्जुनपुर और इटौंजा टोल प्लाजा पर पुलिस और पीएसी फोर्स भारी संख्या में तैनात रही और किसी भी किसान संगठन के कार्यकर्ताओं को इटौंजा टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया।
भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश यादव का काफिला छठामील से पहले ही रोककर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन लेकर उनको और कार्यकर्ताओं को वहां से वापस कर दिया। इस दौरान किसान संगठनों के लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार लोकतंत्र में किसानों की आवाज दबाने का काम कर रही है, किसानों को आंदोलन करने से रोका जा रहा है। किसान नेताओं के घरों में पुलिस फोर्स लगवा दी गई। हम हार नहीं मानेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
लखनऊ से मनीष सिंह की रिपोर्ट
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज और ट्विटर पेज पर फॉलो करें