another bjp advani showdown brews after patriarchs no to rs berth
 नई दिल्ली। ऐसा माना जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी को रूठने और उन्हें मनाने का सिलसिला दुबारा शुरू होने वाला है। क्यूंकि पार्टी आडवाणी को राज्यसभा भेजने की तैयारी में है, जबकि आडवाणी लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा जता चुके हैं। खबरजोन के सूत्रों के मुताविक संघ ने पार्टी से 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को चुनाव में टिकट न देने की बात कही है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी नेतृत्व भी चाहती है कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करें, लेकिन दोनों ही नेताओं ने चुनाव लड़ने को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।
नई दिल्ली। ऐसा माना जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी को रूठने और उन्हें मनाने का सिलसिला दुबारा शुरू होने वाला है। क्यूंकि पार्टी आडवाणी को राज्यसभा भेजने की तैयारी में है, जबकि आडवाणी लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा जता चुके हैं। खबरजोन के सूत्रों के मुताविक संघ ने पार्टी से 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को चुनाव में टिकट न देने की बात कही है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी नेतृत्व भी चाहती है कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करें, लेकिन दोनों ही नेताओं ने चुनाव लड़ने को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।खबरजोन को मिली जानकारी के अनुसार आरएसएस अधिकारियों ने भी बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को सूचित किया है कि पार्टी 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को चुनाव में टिकट न दिया जाए। जाहिर है नरेंद्र मोदी की पीएम उम्मीदवारी को लेकर पूर्व में आडवाणी की बेरुखी झेल चुकी पार्टी के लिए ऐसे में मुश्किल की घड़ी आ गई है। गौरतलब है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के गांधी नगर से, जबकि मुरली मनोहर जोशी ने यूपी के वाराणसी से चुनाव लड़ा था। वहीं आगामी लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों से नरेंद्र मोदी को संभावित उम्मीदवार बताया जा रहा है
जब ख़बरजोन ने भाजपा को कुछ नेताओं से इस संबंध में बात की तो उन्होंने दबे जुबां में इस बात को स्वीकारा कि पार्टी अडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राज्यसभा से सदन भेजना चाहती है और संघ की भी यही इच्छा है। पार्टी में प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी चयन के वक़्त भी एक बार आडवाणी नाराज़ हो चुके और इस मसले पर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा भी दे चुके थे। लेकिन काफी मान-मनव्वल के बाद फिर उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लिया था। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार आडवाणी राज्यसभा के मसले पर क्या कदम उठाते हैं और फिर इस पार्टी का क्या कदम होता है।
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