वाराणसी। 5 राज्यों में विधासभा चुनावों के नतीजे आने के बाद बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पहली सियासी रैली की। इसके लिए ...
वाराणसी। 5 राज्यों में विधासभा चुनावों के नतीजे आने के बाद बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पहली सियासी रैली की। इसके लिए वाराणसी में सुरक्षा के ख़ास इंतज़ाम किये गये। कई रास्तों पर नाकेबंदी कर दी गई और गुजरात पुलिस और ख़ुफिया विभाग के अधिकारी गुरुवार से ही हर जगह पर नज़र रखे हुए थे।
नरेंद्र मोदी 11.15 बजे बावतपुर हवाई अड्डे पर विशेष विमान से पहुंचे जहां से वो हेलीकॉप्टर से काशी हिंदू विश्वविद्यालय गये और वहां से सड़क मार्ग से होते हुए करीब 11.45 पर वो बाबा विश्वनाथ और संकटमोचन मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। इसके बाद वो वापस काशी हिंदू विश्व विद्यालय पहुंचकर हेलीकॉप्टर से राजातालाब के खजूरी में रैली को संबोधित करने पहुंचे।
इस दौरान उनके काफ़िले की सुरक्षा के लिए एनएसजी कमांडो के विशेष दल को लगाया गया जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय से संकटमोचन और विश्वनाथ मंदिर तक और वापस बीएचयू तक मोदी के साथ रहे। इस बीच में राजनाथ सिंह भी मोदी के साथ थे लेकिन उनका काफ़िला अलग चला।
...ताकि पटना जैसी घटना ना हो
ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारी लोकल इंटेलीजेंस के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था पर नज़र बनाए हुए थी। मंदिर और रैली की जगह पर विशेष ध्यान दिया जा रहा था जहां दावा किया जा रहा है कि 3 लाख लोग पहुंचे। रैली की जगह से 5 किलोमीटर के दायरे में नाकेबंदी की गई थी और जो लोग रैली की जगह के पास रहते हैं उन पर नज़र रखी जा रही थी।
रैली की जगह पर पटना जैसी घटना न हो इसके लिए दिन में तीन बार जांच की जाती रही। डीआईजी ए सतीश गणेश ने सुरक्षा में लगे पुलिसवालों को आदेश दिया था कि रैली में आनेवाले हर व्यक्ति की अच्छी तरह से जांच हो ख़ास तौर पर उनकी जो आगे की ओर मंच के करीब बैठे हों।
प्रशासन रहा परेशान
पूर्वांचल में ये मोदी की पहली रैली थी जिससे बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की। सियासी गलियारे में मोदी की इस रैली को बीजेपी की हिंदुत्व की विचारधारा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि नरेंद्र मोदी ने पिछली 4 विजय शंखनाद रैलियों में मंदिर मुद्दा नहीं उठाया लेकिन इस बार जब वो वाराणसी में रैली करने पहुंचे तो उससे पहले संकटमोचन और विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने गये और जब रैली में बोलने आए तो राम राज्य का नाम भी लिया।
ये सियासी संकेत हो सकता है लेकिन मोदी के मंदिर दर्शन का वक़्त शुक्रवार को जुम्मे की नमाज से टकरा सकता था, लिहाज़ा प्रशासन इसे लेकर चिंतित था। ज़िलाधिकारी प्रांजल यादव ने बताया कि बीजेपी उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए नरेंद्र मोदी के मंदिर दर्शन के समय में बदलाव किया है और जुम्मे की नमाज से पहले उसे ख़त्म कर लेने का वादा किया है।