दिल्ली। सोमवार को सुबह 10 बजे दिल्ली के तीनो नगर निगमों के मेयर की अगुवाई में मार्च निकालेंगे। ये मार्च राजघाट से शुरू होगी और सिविल ल...
दिल्ली। सोमवार को सुबह 10 बजे दिल्ली के तीनो नगर निगमों के मेयर की अगुवाई में मार्च निकालेंगे। ये मार्च राजघाट से शुरू होगी और सिविल लाइन्स में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर तक जाएगी। तीनों नगर निगम बीजेपी के पास हैं और नगर निगमों की मांग है कि केजरीवाल सरकार चौथे दिल्ली वित्त आयोग की संस्तुतियों का पालन करते हुए नगर निगमों को निधि उपलब्ध कराये।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार से तीनों नगर निगमों को आर्थिक संसाधन मुहैया करवाने की मांग पहले से की जाती रही है और भाजपा का कहना है कि सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। इसे लेकर शुक्रवार को भाजपा दिल्ली प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा था कि सरकार को चौथे वित्त आयोग की संस्तुति का पालन करते हुए तीनों नगर निगमों को आर्थिक निधि उपलब्ध करानी चाहिए।
आपको बता दें कि भाजपा पिछले एक साल से लगातार दिल्ली सरकार से चौथे वित्त आयोग की संस्तुति अनुसार नगर निगमों को आर्थिक निधि उपलब्ध कराने की मांग कर रही है और इसे लेकर कई बार मुख्यमंत्री निवास, सचिवालय, विधानसभा भवन के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जा चुका है। इसके अलावा उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर नगर निगमों को आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
बीजेपी का आरोप है कि राजनीतिक द्वेष में केजरीवाल सरकार ने न सिर्फ इस पर कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि ऐसी विषम परिस्थितियां बनाई जिनके चलते दिल्ली में निगम सेवाएं ठप पड़ जाएं। बीजेपी का ये भी दावा है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्त के दबाव के चलते ही गत शीतकालीन सत्र में दिल्ली सरकार ने चौधे वित्त आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा सदन में रखा। सरकार ने उसे स्वीकार भी किया पर अपनी अराजक मानसिकता और राजनीकि द्वेष के चलते उस बिल में असंवैधानिक रूप से जोड़ दिया कि जब केंद्र पैसा देगा तब हम निगमों को निधि देंगे, जबकि संवैधानिक रूप से केंद्र ऐसी कोई निधि देने के लिए बाध्य नहीं है।