LUCKNOW. Chief Minister Yogi Adityanath will conduct an inquiry into the works of village heads across the state.
लखनऊ । भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर योगी सरकार चल रही है, इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर के ग्राम प्रधानों के कामों की जांच कराने का एलान कर दिया है, जिसमें 25 दिसंबर तक प्रधानों के कार्यकाल में आवंटित हुई और खर्च की गयी धनराशि शामिल है,इस दौरान यदि कोई खामी पायी जाती है तो ग्राम प्रधान पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- प्रदेशभर के ग्राम प्रधानों की होगी जांच
- सीएम योगी का भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस जारी
- जांच में दोषी पाएं जाने पर होगी सख्त कार्रवाई
- जनपद स्तर के अधिकारी करेंगे प्रधानों की जांच
प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद से भ्रष्टाचार से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई एक्शन लिए हैं जिसमें आईएस से लेकर आईपीएस तक नहीं बच पाए हैं। कई आईपीएस के खिलाफ अब तक गैर जमानती वारंट से लेकर इनाम तक घोषित किया जा चुका है। ऐसे में यदि किसी भी ग्राम प्रधान के खिलाफ कोई आरोप सिद्ध होता है तो उसके गम्भीर परिणाम होंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्राम प्रधानों की यह जांच भौतिक सत्यापन के जरिए होगी। जिससे यह पता चल सके कि कौन सा काम कहाँ हुआ है और आवंटित हुई धनराशि में कितना धन खर्च हुआ है।
प्रधानों के कामकाज की जांच में जनपद स्तर के अधिकारी शामिल होंगे, डीपीआरओ कार्यालय में किन-किन ग्राम प्रधानों को किस-किस मद में धनराशि भेजी गयी है, उसके मिलान का कार्य किया जा रहा है, जिससे जिला स्तरीय टीम को भौतिक सत्यापन में कोई दिक्कत न हो। यह कार्य पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
प्रदेश भर के ग्राम प्रधानों का 25 दिसंबर से कार्यकल समाप्त हो गया है, इससे प्रदेश में 58 हजार गांवों में अब प्रधान के पद खाली हो गए हैं, शनिवार से इन ग्राम पंचायतों के कार्य को एडिशनल डेवलपमेंट ऑफिसर अपर विकास अधिकारी पंचायत (एडीओ) को सौंप दिए गए हैं, यही अधिकारी ग्राम पंचायत के विकास के लिए काम करेंगे और साथ में लोगों की समस्याओं का निवारण भी करेंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट खबर जोन
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